Gajraj Singh: Swamiji Namaskar! Would you please clarify the difference between Astrology and Astronomy? As far as I know Astrology is purely Pauranik and Astronomy is pure Vedic, would you please, elaborate more on Astrology as it has become very conventional these...
गुप्त: गुरुजी को दंडोत्वत चरण स्पर्श! क्या परिस्थिति या हालत व्यक्ति को मजबूर कर सकते हैं? सुना है इन्सान परिस्थिति और हालत का दास होता है। क्या यह सही है? मेरा लक्ष्य कर्ज निवारण हेतु इनसे जुझता और सामना करता रहा और वैदिक पूजा भी करता रहा। आपकी कृपा से अंतोगत्व...
ऋषियों की उत्तम अवस्था के दर्शन से कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं। ओ३म् उतो पितृभ्यां प्रविदानु घोषं महो महद्भ्यामनयन्त शूषम्। उक्षा ह यत्र परि धानमक्तोरनु स्वं धाम जरितुर्ववक्ष॥ (ऋग्वेद मंत्र ३/७/६) हे मनुष्य! जैसे यह ब्रह्मचारी लोग अपने आचार्य की सेवा...
इस मंत्र का भाव है कि जैसे जैसे पहले जमाने में राजा चारों वेदों के ज्ञाता होते थे और प्रजा के लिए प्रबंध भी करते थे और खुद भी उपदेश करते थेI उपनिषद में सच्ची कथा आती है कि एक ब्राह्मण के घर में अग्नि खत्म हो गईI जैसे वाल्मीकि रामायण में आया कि न निरग्निः – ...
Swamiji Performing Anushthaan of Four Vedas यज्ञ में आशीर्वाद मिलना आजकल असंभव है। जो भी मिल रहे हैं वो अनमोल हैं। वेदों में भगवान ने कोई भी विषय नहीं छोड़ा है। इन मंत्रों में औषधियों का ज्ञान है। वेदों में तिनके से लगाकर ब्रह्म तक वर्णन किया है। पंचतन्मात्राणि...