Questions & Answers – September 11, 2020

Gajraj Singh: Swamiji Namaskar! Would you please clarify the difference between Astrology and Astronomy? As far as I know Astrology is purely Pauranik and Astronomy is pure Vedic, would you please, elaborate more on Astrology as it has become very conventional these...

Questions & Answers – August 19, 2020

गुप्त: गुरुजी को दंडोत्वत चरण स्पर्श! क्या परिस्थिति या हालत व्यक्ति को मजबूर कर सकते हैं? सुना है इन्सान परिस्थिति और हालत का दास होता है। क्या यह सही है? मेरा लक्ष्य कर्ज निवारण हेतु इनसे जुझता और सामना करता रहा और वैदिक पूजा भी करता रहा। आपकी कृपा से अंतोगत्व...

Brief Notes from Yajyen – July 03, 2020

ऋषियों की उत्तम अवस्था के दर्शन से कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं।  ओ३म् उतो पितृभ्यां प्रविदानु घोषं महो महद्भ्यामनयन्त शूषम्।  उक्षा ह यत्र परि धानमक्तोरनु स्वं धाम जरितुर्ववक्ष॥ (ऋग्वेद मंत्र ३/७/६) हे मनुष्य! जैसे यह ब्रह्मचारी लोग अपने आचार्य की सेवा...

Brief Notes from Yajyen – June 19, 2020

इस मंत्र का भाव है कि जैसे  जैसे पहले जमाने में  राजा चारों वेदों के ज्ञाता होते थे और प्रजा के लिए  प्रबंध भी करते थे और खुद भी उपदेश करते थेI उपनिषद में सच्ची कथा आती है कि एक ब्राह्मण के घर में अग्नि खत्म हो गईI जैसे वाल्मीकि रामायण  में आया कि न निरग्निः – ...

Brief Notes from Yajyen – June 01, 2020

Swamiji Performing Anushthaan of Four Vedas यज्ञ में आशीर्वाद मिलना आजकल असंभव है। जो भी मिल रहे हैं वो अनमोल हैं।  वेदों में भगवान ने कोई भी विषय नहीं छोड़ा है।  इन मंत्रों में औषधियों का ज्ञान है।  वेदों में तिनके से लगाकर ब्रह्म तक वर्णन किया है।  पंचतन्‍मात्राणि...