Brief Notes from Yajyen – December 30, 2022

Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 30, 2022. Here is the brief summary of his preach: यस्मा॑ज्जा॒तं न पु॒रा किं च॒नैव य आ॑ब॒भूव॒ भुव॑नानि॒ विश्वा॑। प्र॒जाप॑तिः प्र॒जया॑ सꣳररा॒णस्त्रीणि॒ ज्योती॑षि सचते॒ स॒ षो॑ड॒शी ॥ (यजुर्वेद मंत्र – 32/5) हे...

Brief Notes from Yajyen – December 29, 2022

Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 29, 2022. Here is the brief summary of his preach: ए॒षो ह॑ दे॒वः प्र॒दिशोऽ नु॒ सर्वाः॒ पूर्वो॑ ह जा॒तः सऽ उ॒ गर्भे॑ऽ अ॒न्तः। सऽ ए॒व जा॒तः स ज॑नि॒ष्यमा॑णः प्र॒त्यङ् जना॑स्तिष्ठति स॒र्वतो॑मुखः ॥ (यजुर्वेद मंत्र –...

Brief Notes from Yajyen – December 21, 2022

Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 21, 2022. Here is the brief summary of his preach: देव – वेद का ज्ञाता, अष्टांग योग साधना का ज्ञाता और साधना करने वाला “देव” कहलाता है। देव ही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। अन्य कोई ईश्वर को प्राप्त...

Brief Notes from Yajyen – December 20, 2022

Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 20, 2022. Here is the brief summary of his preach: श्रीश्च॑ ते ल॒क्ष्मीश्च॒ पत्न्या॑वहोरा॒त्रे पा॒र्श्वे नक्ष॑त्राणि रू॒पम॒श्विनौ॒ व्यात्त॑म्। इ॒ष्णन्नि॑षाणा॒मुं म॑ऽइषाण सर्वलो॒कं म॑ऽइषाण ॥ (यजुर्वेद मंत्र –...

सामवेद मंत्र 104

न तस्य मायया च न रिपुरीशीत मर्त्यः । यो अग्नये ददाश हव्यदातये ॥ (सामवेद मंत्र १०४) जो मनुष्य देवों को हव्य पदार्थ देने के लिए, अग्नि के लिए आहुति सहित दान करता है, उसका शत्रु माया द्वारा भी शासन नहीं कर सकता। इस सामवेद मंत्र 104 में ईश्वर ने माया से छूटने का सरल परंतु...