Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 29, 2022. Here is the brief summary of his preach:

ए॒षो ह॑ दे॒वः प्र॒दिशोऽ नु॒ सर्वाः॒ पूर्वो॑ ह जा॒तः सऽ उ॒ गर्भे॑ऽ अ॒न्तः। सऽ ए॒व जा॒तः स ज॑नि॒ष्यमा॑णः प्र॒त्यङ् जना॑स्तिष्ठति स॒र्वतो॑मुखः ॥ (यजुर्वेद मंत्र – 32/4)

हे नर-नारियों! यह ज्ञान विद्वानों से सुनो। (परमेश्वर बोल नहीं सकते इसलिए वेदों का ज्ञान विद्वानों के मुख से बुलवाते हैं।)

यह जो परमात्मा है उनकी सब दशों दिशाओं में कीर्ति है। वे दशों दिशाओं में अनुकूलता अनुसार कण-कण में सर्व व्याप्त है। मैं परमात्मा तुम्हारे अंत:करण (मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार) में भी हूँ। तुम्हारे अन्दर हूँ, बाहर हूँ, सब जगह हूँ।