Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 21, 2022. Here is the brief summary of his preach:
देव – वेद का ज्ञाता, अष्टांग योग साधना का ज्ञाता और साधना करने वाला “देव” कहलाता है। देव ही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। अन्य कोई ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता।
जो वेद सुनता है, इन्द्रिय संयमी है, वह ही ब्राह्मण है। जब कभी वह ईश्वर की प्राप्ति कर लेता है तो उच्च कोटि का ब्राह्मण कहलाता है।
सर्वे॑ निमे॒षा ज॑ज्ञिरे वि॒द्युतः॒ पुरु॑षा॒दधि॑। नैन॑मू॒र्द्ध्वं न ति॒र्य्यञ्चं॒ न मध्ये॒ परि॑ जग्रभत् ॥ (यजुर्वेद मंत्र – 32/2)
हे नर-नारियों! वह परमेश्वर स्वयं प्रकाशक, ज्योति स्वरुप है। यह ज्योति परमेश्वर ने किसी से नहीं ली। परमेश्वर ने सूर्य, चन्द्र को ज्योति दी है। यह पूर्ण परमेश्वर ही सबका निमेष-अनिमेष (पलकें खोलना-बन्द करना) का कार्य करता है। इस परमेश्वर से काल-समय इत्यादि निकले हैं। उसे ही परमेश्वर कहते हैं। इस परमेश्वर को न ऊपर से, न नीचे से, न मध्य से पकड़ सकते हैं। इसलिए हम प्रार्थना, उपासना, योगाभ्यास द्वारा इस परमेश्वर की ही पूजा करें। इससे अलग कोई परमेश्वर न था, न है और न होगा।