Brief Notes from Yajyen – June 01, 2020

Swamiji Performing Anushthaan of Four Vedas यज्ञ में आशीर्वाद मिलना आजकल असंभव है। जो भी मिल रहे हैं वो अनमोल हैं।  वेदों में भगवान ने कोई भी विषय नहीं छोड़ा है।  इन मंत्रों में औषधियों का ज्ञान है।  वेदों में तिनके से लगाकर ब्रह्म तक वर्णन किया है।  पंचतन्‍मात्राणि...

Brief Notes from Yajyen – May 11, 2020 (in Hindi)

ईश्वर का ज्ञान अनंत है और अद्भुत है। देखो कि यह वेद भी मनुष्य के शरीर में प्रकट होते हैं, ईश्वर भी इसी शरीर में प्रकट होता है। वेद भी निराकार हैं, ईश्वर भी निराकार है।  चारों वेदों का मुख्य लक्ष्य ईश्वर प्राप्ति है। मतलब तिनके से ब्रह्म तक का ज्ञान और अनंत ज्ञान...

Brief Notes from Yajyen – May 10, 2020 (in Hindi)

ओ३म् अध स्वप्नस्य निर्विदेऽभुञ्जतश्च रेवत:। उभा ता बस्रि नश्यतः॥ (ऋग्वेद मंत्र १/१२०/१२) यह जो भगवान का ज्ञान है, वो कमाल का है। जो ऐश्वर्यवान् न देनेवाला वा जो दरिद्री उदारचित्त है, अर्थात् अमीर है पर दानी नहीं है  और दूसरा गरीब है पर उदारचित्त  है –...

Brief Notes from Yajyen – May 04, 2020 (Evening) – In Hindi

ऊतय: का अर्थ आप सबको पता है कि ‘रक्षा’ है। आजकल ऐसे मन्त्रों की आहुति बहुत ज़रूरी है। ईश्वर पूरी दुनिया की रक्षा करें, भारत की भी। कोरोना से घबराने की ज़रूरत नहीं है। आप अग्निहोत्र करते रहें, ईश्वर रक्षा करेगा और भारतवर्ष पे भी कृपा है। मैं विश्व के कल्याण के लिया भी...