Brief Notes from Yajyen – July 03, 2020

ऋषियों की उत्तम अवस्था के दर्शन से कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं।  ओ३म् उतो पितृभ्यां प्रविदानु घोषं महो महद्भ्यामनयन्त शूषम्।  उक्षा ह यत्र परि धानमक्तोरनु स्वं धाम जरितुर्ववक्ष॥ (ऋग्वेद मंत्र ३/७/६) हे मनुष्य! जैसे यह ब्रह्मचारी लोग अपने आचार्य की सेवा...

Brief Notes from Yajyen – June 29, 2020

ओ३म् स रोचयज्जनुषा रोदसी उभे स मात्रोरभवत्पुत्र ईड्यः।  हव्यवाळग्निरजरश्चनोहितो दूळभो विशामतिथिर्विभावसुः॥ (ऋग्वेद मंत्र ३/२/२) ईश्वर ने यहां यह ज्ञान दिया है कि ब्रह्मचर्य रखकर विद्या और सुशिक्षा  प्राप्त करो।  ब्रह्मचर्य पर बड़ा ध्यान रखो। जो पुस्तक मैंने...

Brief Notes from Yajyen – June 12, 2020 (in Hindi)

वेदों के अर्थ कमाल के हैंI अच्छी शिक्षा प्राप्त करो और असत्य को नज़दीक न आने दोI  असत्य पर क्रोध करोI   ओ३म् ब्रह्मणस्पते सुयमस्य विश्वहा रायः स्याम रथ्यो३ वयस्वतः।  वीरेषु वीराँ उप पृङ्धि नस्त्वं यदीशानो ब्रह्मणा वेषि मे हवम्॥ (ऋग्वेद मंत्र २/२४/१५)  (ये...