Brief Notes from Yajyen – June 26, 2020

वेद अनंत ज्ञान के भंडार हैं।  कल किसी चीज का वर्णन था, आज किसी और चीज का वर्णन चल रहा है।   ओ३म् विश्वे देवास आ गत शृणुता म इमं हवम्। एदं बर्हिर्नि षीदत॥ (ऋग्वेद मंत्र २/४१/१३) जो विद्यार्थी विद्वान् से पढ़ते हैं, वे विद्वानों से यह कहे कि हे आचार्य! आप...