Brief Notes from Yajyen – June 22, 2020

अन्न दान कितना महान है। यह चलता रहे।  जितने भी यहाँ आए वह भोजन करके जाएं। जो ना आ सके उनके लिए भी लेकर जाएँ।  जो दूर रहते हैं उनके लिए घर भी ले जाओ। ओ३म् धारावरा मरुतो धृष्ण्वोजसो मृगा न भीमास्तविषीभिरर्चिनः।  अग्नयो न शुशुचाना ऋजीषिणो भृमिं धमन्तो अप...