Questions & Answers – August 07, 2020

Deepak Kumar: चरण स्पर्श, नमस्ते। एक बार आपने कहा था कि शेयर मार्केट का काम नहीं करना चाहिए लेकिन अगर किसी को फायदा होता रहे तो क्या वह ठीक है? जैसे एक मित्र का वही काम है। शेयर मार्केट में ही डीलिंग करता है लेकिन वह शेयर खरीद कर invest कर देता है और जब उसको प्रॉफिट...

Brief Notes from Yajyen – August 01, 2020

वेद निर्मल ईश्वर की वाणी है। यह लिखे भी नहीं भगवान ने और ना ही मुंह से बोल कर दिए हैं। क्योंकि भगवान तो निराकार है। अकाय है, उसके तो हाथ, पैर ,इंद्रियां होती ही नहीं है, तो वह बोल नहीं सकता। बोलते तो ऋषि मुनि है। जैसे हर सृष्टि के आरंभ में बिना लिखे, पढ़े, चारों...

Questions & Answers – July 28, 2020

DSS: गुरुजी को मेरा दंडोत्वत चरण स्पर्श। स्वामी जी मैं आपका तहेदिल से स्वागत करता हूँ और आपको ही विश्व का चक्रवर्ती राजा मानता हूँ क्योंकि राजा में आप जैसे गुण होने चाहिए। वो आज देखने को दूर-दूर तक नहीं मिलते। यदि किसी नेता से अगर बात होती है वेदों के प्रचार वास्ते तो...

Brief Notes from Yajyen – July 21, 2020

पृथिवी पर हर समय एक यथार्थ वक्ता की आवश्यकता है।  यथार्थ वक्ता का मतलब है कि जो जैसा है वैसा ही बोलना।  इसमें प्रमाण यही है कि ईश्वर जैसा है वैसा ही बोलो।  अपनी मर्जी से क्यों बोलते हो?  वेदों में ईश्वर का जैसा वर्णन है वही बोलो।  वह जो बोलेगा और  जो वेदों को सुनेगा...

Questions & Answers – July 21, 2020

Farooq Khan: Hii, my question is that vedas say that the earth is static. In Rigved 2/12/12 it is said that Oh man! He who made the trembling earth static is Indra. Second thing i want to ask that the Hindu demons worship any god of any religion? Swami Ram Swarup: My...

Brief Notes from Yajyen – July 19, 2020

ओ३म् एतास्ते अग्रे समिधस्त्वमिद्धः समिद्भव।  अयुरस्मासु धेह्य्म्रितत्व्माचर्याय। (अथर्ववेद मंत्र १९/६४/४) यह आचार्य के लिए निरोगता और आयु बढ़ाने वाला मंत्र है।  इसका अर्थ है कि ध्यान, धर्माचरण,  आचार्य की आयु और निरोगता बड़े।  इस मंत्र का यह भी भाव...

Brief Notes from Yajyen – July 18, 2020

आयुर्यज्ञेन कल्पतां (यजुर्वेद १८/२९)  आयु यज्ञ से बढ़ती है। यह basic principle (मौलिक सिद्धांत) है। आप लोगों के यज्ञ कर्म कभी मिथ्या नहीं  जाएंगे।  किया हुआ कर्म कभी मिथ्या नहीं जाएगा। शिष्यों को ध्यान में रखना चाहिए कि अभी गुरु का जीवन यज्ञ, शिक्षा, आशीर्वाद और ईश्वर...

Brief Notes from Yajyen – July 12, 2020 (Morning)

दिल तो मेरा कहता है कि सारा दिन में वेद उच्चारण करो पर भगवान का नियम है कि वृद्धावस्था आती ही है।  इस मंत्र को देखो: विद्वान्  को तो भगवान नहीं छोड़ा ही नहीं है।  इंसान ने तो विद्वानों को छोड़ दिया है।  वे हंसी-मजाक,  पाप आदि में लगे रहते हैं...

Brief Notes from Yajyen – July 11, 2020

यज्ञ तीनों लोकों को लाभ देता  है। सन १९७८ से ईश्वर व गुरु की कृपा से  तीनों लोकों को लाभ पहुँचाया है। योल शाँत एरिया रह रहा है। अभी भी तीनों लोकों को व संगत के एक-एक बच्चे को लाभ देने का मेरा प्रयास है। यज्ञ चलें और आशीर्वाद मुँह से निकलते रहें। यज्ञ चलना बहुत जरूरी...

Questions & Answers – July 10, 2020

Upendra: प्रणाम स्वामी जी, गुरु जी यदि कोई गलती से हमे जल सिंचन किया हुआ जल हमे आचमन के लिए दे और हम गलती से उस जल से आचमन कर लें। तो गलती से ऐसा करने से क्या हमारा यज्ञ का पुण्य खत्म हो जाएगा। मेरी छोटी sister ने मुझे गलती से जल सिंचन किया हुआ जल आचमन करने को दे दिया...