स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) स एषः पूर्वेषामपि गुरुः कालेनानवच्छेदात् (पातञ्जल योग दर्शन १/२६) अर्थात् ईश्वर ही हमारे पूर्वजों का प्रथम गुरु है क्योंकि ईश्वर को मृत्यु नहीं आती। यहाँ यह विचारणीय है कि जब महाप्रलय में यह तीनों...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् उत स्वया तन्वा३ सं वेद तत्कदान्वंतर्वरुणे भुवानि । किं मे हव्यमहृणानो जुषेत कदा मृळीकं सुमना अभि ख्यम् ॥ ऋग्वेद (७/८६/२) मंत्र में परमेश्वर की उपासना का प्रकार का वर्णन किया गया है। (उत) अथवा...