पापों को नष्ट करने के लिए प्रार्थना

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् अव द्रुग्धानि पित्र्या सृजा नोऽव या वयं चकृमा तनूभि:। अव राजन्पशुतृपं न तायुं सृजा वत्सं न दाम्नो वसिष्ठम्॥ (ऋग्वेद ७/८६/५) (राजन्) हे परमेश्वर आप (द्रुग्धानि, पित्र्या) माता-पिता की प्रकृति से...