पृथिवी पर यज्ञ की महिमा

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) शतपथ ब्राह्मण ग्रन्थ १४/४/२-३/२९ में बहुत सुन्दर वर्णन है कि “जीवात्मा ने चाहा कि मेरी स्त्री हो और मैं संतान उत्पन्न करूँ। मेरे पास धन हो और मैं यज्ञ करूँ। इन सब कामनाओं को चाहने वाला इससे अधिक न...