Brief Notes from Yajyen – July 19, 2020

ओ३म् एतास्ते अग्रे समिधस्त्वमिद्धः समिद्भव।  अयुरस्मासु धेह्य्म्रितत्व्माचर्याय। (अथर्ववेद मंत्र १९/६४/४) यह आचार्य के लिए निरोगता और आयु बढ़ाने वाला मंत्र है।  इसका अर्थ है कि ध्यान, धर्माचरण,  आचार्य की आयु और निरोगता बड़े।  इस मंत्र का यह भी भाव...