पृथिवी पर हर समय एक यथार्थ वक्ता की आवश्यकता है। यथार्थ वक्ता का मतलब है कि जो जैसा है वैसा ही बोलना। इसमें प्रमाण यही है कि ईश्वर जैसा है वैसा ही बोलो। अपनी मर्जी से क्यों बोलते हो? वेदों में ईश्वर का जैसा वर्णन है वही बोलो। वह जो बोलेगा और जो वेदों को सुनेगा...
जीव यज्ञ कर करके लंबी आयु प्राप्त करें। यज्ञ से ही पिछले जन्म के कर्मों और इस जन्म के कर्मों का नाश होता है। दुनिया में ईश्वर ने कोई और रास्ता नहीं बनाया है। यज्ञ से ही अष्टांग योग विद्या सिद्ध होगी। केवल योगाभ्यास करने वाले तो आज अरेस्ट हो रहे हैं। योगाभ्यास का...