Yash: ऐसे पहले समय काल में राजा ऋषियों से प्रार्थना करके उन्हें अपने राज्य में बुलाते थे, वेदों के ज्ञान के लिए, तो अब यह परंपरा दोबारा कैसे शुरू हो सकती है महाराज जी? आने वाली पीढ़ियों  के लिए वह कैसे कहाँ योगियों  को ढूंढ के ला सकेंगे?

Swami Ram Swarup: राजाओं द्वारा योगियों को आमंत्रित करने की परंपरा वर्तमान काल में होने असंभव प्रायः ही है क्योंकि विश्व में प्रायः कोई भी मंत्री आदि वेदों को वेदों के ज्ञान को नहीं जानते और न जानने के कारण वह किसी भी योगी को नहीं बुलाएंगे। आशीर्वाद।

Yash: श्री गुरु पितामह के चरणों में कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम। श्री महाराज जी एक योगी, ऋषि, महर्षि, ब्रह्मर्षि, में क्या अंतर होता है?

Swami Ram Swarup: In fact बेटा में कोई फर्क नहीं होता क्योंकि सब की साधना एक सी है, नाम अलग-अलग रखे हैं। सबको वेदों का अध्ययन करना, नाम जाप, यज्ञ, अग्निहोत्र, अष्टांग-योग विद्या का अभ्यास करना होता है इत्यादि इत्यादि। आशीर्वाद बेटा।