आज पूर्णिमा का शुभ दिन हैI अमावस्या और पूर्णिमा ईश्वर के विशेष दिन हैंI हर दिन में सुख हैं पर इसमें कुछ विशेष हैंI घर में भी अगर आप गुरु के ज्ञान को सुनोगे (mixlr, आदि द्वारा) तो भी उद्धार हो जाता हैI गुरु के दरबार में आकर आहुति डालने वाले का तो कल्याण ही कल्याण हैI कल्याण तो यज्ञ से ही है – परिवार का कल्याण, समाज का कल्याण, देश का कल्याण, सबका कल्याण यज्ञ से ही हैI
अच्छी तरह हम इन पूर्णिमा मंत्रों के आज को समझें कि (सुकृतः नाके प्रविष्टाः) पुण्यवान् कर्मों से अच्छे लोकों को प्रवेश करते हैंI ये वही पुण्यवान् कर्म है कि देवयान् मार्ग मिला है इसके बाद मोक्ष में प्रवेश हो जाता हैI पहले साधक पुण्यवान् लोक में आते हैं फिर यह जन्म-मृत्यु के चक्कर से निकालकर ईश्वर इन तपस्वियों को देवयान् मार्ग पर लाता हैI फिर देवयान् मार्ग से एक दिन मोक्ष पा लेता हैI अगला जन्म देवयान् मार्ग में आते-आते यह आहुतियां कल्याण करके मोक्ष को प्राप्त करा देती हैंI
ओ३म् नूनं सा ते प्रति वरं जरित्रे दुहीयदिन्द्र दक्षिणा मघोनी।
शिक्षा स्तोतृभ्यो माति धग्भगो नो बृहद्वदेम विदथे सुवीराः॥ (ऋग्वेद मंत्र २/११/२१)
यज्ञानुष्ठान मंत्र – भगवान ने यह राज पुरुषों के सारे अधिकार बताए हैंI भगवान ने समझाया कि जो सबको विद्यादान करते हैं और सत्य का उपदेश करते हैं.. सत्य तो वेद हैं इससे ज्यादा सत्य है ही नहींI और इसी सत्य से सब सत्य निकले हैंI आज अपनी अपनी किताबों में इंसान ने गलत लिखने व फैलाने के कारण पूरे विश्व में शांति खत्म हो गई हैंI तेज सब का ज्ञान है, यह सिर्फ हमारा ज्ञान नहीं हैI
इसलिए इसका आधार करना चाहिए, जैसे पिछले युगों में किया, और सब सुखी रहेI
श्री गुरबाणी के गलत उच्चारण करने पर दंड दिया जाता है इसलिए आज अपने अक्षरों में वह सुरक्षित हैI लेकिन संस्कृत की तो खिल्ली उड़ाई जाती हैI लोगों ने हमारी संस्कृति ही निकाल दीI हमारे बच्चों में यह ज्ञान ही नहीं है कि सच क्या हैI जो विद्या देने वाले, सच का उपदेश करने वाले हैं, उनको विद्यादात्रे बोलते हैंI उनको जो भी श्रेष्ठ दक्षिणा देते हैं वह विद्वान हो करके सारे संसार में शूरवीर बनते हैंI जो विद्या दान करने वाले तपस्वी की सेवा करते हैं, दक्षिणा देते हैं, उनके घरों में वेदों के गुणगान गाने वाले निकलेंगेI जिस घर में वेद नहीं हैं, वेदों की परख करने वाले नहीं होंगे, दानी नहीं होंगे, उनके घर ही बर्बाद हो जाते हैंI ये ईश्वर के बनाये हुए नियम हैं जिनको तोडना नहीं हैI
ईश्वर सूर्य को बनाने वाला हैI वह सूर्य का भी सूर्य हैI सूर्य को मत पूजो, इसको बनाने वाले को जानोI इस विद्या से परिवार को भी तार दोगे और दुनिया को भी लाभ दोगेI